रामपुरी चाकू अड़ाकर अधेड़ को धमकाने और जबरन नचवाने वाला आरोपी गिरफ़्तार
बिलासपुर। शुक्रवार 7 जून को सिविल लाइन पुलिस ने मिशन अस्पताल के पास खुलेआम चाकू लहराकर राहगीर को धमकाने और चाकू की नोक पर उसे नाचने को कहने वाले उत्पाती युवक अनुराग सिंह ठाकुर को वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ़्तार किया है. इस चकुबाज़ युवक को पुलिस की कार्रवाई से बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय की विशेष शाखा (DSB) में पदस्थ आरक्षक हेमन्त सिंह देर रात तक सिविल लाइन थाने में मंडराता रहा और थाना प्रभारी पर कार्रवाई न करने या किसी छोटी धारा में कार्रवाई कर मामला रफ़ा दफ़ा कर देने के लिए तरह तरह से दबाव बनवाता रहा. थाना प्रभारी ने कर्त्तव्य का निर्वहन ईमानदारी से करते हुए आरोपी युवक पर धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत एफ़ाइआर दर्ज की है. आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
सरकंडा राजकिशोर नगर निवासी 19 वर्षीय अनुराग सिंह ठाकुर पिता अजय सिंह ठाकुर सिविल लाइन क्षेत्र के मिशन अस्पताल के पास बृहस्पति बाज़ार जाने वाली सड़क पर खुलेआम धारदार चाकू लहराकर आने जाने वालों को डरा धमका रहा था. किसी ने उसकी इस ग़ैरकानूनी हरकत का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी युवक को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
चाकू की नोक पर सायकल चालक को नाचने को मजबूर कर रहा
वायरल वीडियो में खुलेआम चाकू लहराता युवक अनुराग सिंह ठाकुर, रास्ते से गुज़र रहे सायकल सवार अधेड़ आदमी को रुकवा कर उसे धमकाता और उसके पेट में चाकू घोपने की मुद्रा बनाकर उसे नाचने को कहता दिख रहा है. अपनी जान के डर से सायकल सवार अधेड़ आदमी मजबूरी में नाचता है, तब कहीं जाकर चाकूबाज़ युवक उसे छोड़ता है. वीडियो में युवक खुद भी चाकू लेकर सड़क पर नाचता नज़र आ रहा है.
आरोपी को बचाने देर रात तक थाने में मंडराता रहा आरक्षक
शहर में खुलेआम चाकू लहराकर शांति व्यवस्था भंग करने और कानून व्यवस्था को अपनी जागीर समझने वाले आरोपी युवक को बचाने पुलिस अधीक्षक कार्यालय की विशेष शाखा में पदस्थ आरक्षक हेमन्त सिंह देर रात तक सिविल लाइन थाने में मौजूद रहा. जगह जगह से थाना प्रभारी पर दबाव बनवाकर आरोपी को छोड़ने या धारा कम करने को कहता रहा.
चाकू लहराने वाले युवक को पकड़ने, ज़िले की कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बजाए अगर पुलिस वाले ही आरोपियों को बचाने के लिए ज़ोर लगाते रहेंगे तो कानून व्यवस्था आखिर कैसे सुधर पाएगी. एक तरफ पुलिस अधीक्षक अपराध के ख़िलाफ़ समाज को जागरूग करने वृहद् स्तर पर चेतना अभियान चला रहे हैं और दूसरी तरफ़ उन्ही के कार्यालय में पदस्थ आरक्षक चाकुबज़ों को कानून से बचाने की कोशिश करता नज़र आ रहा है. यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में ज़िले की कानून व्यवस्था का भगवान ही मालिक होगा.
पुलिसकर्मी के इस आचरण से बिलासपुर पुलिस की साख पर तो बट्टा लगेगा ही साथ ही कानून तोड़ने वालों के हौसले भी बढ़ेंगे. आला अधिकारीयों को इस ओर ध्यान देने की ज़रुरत है.