गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों और चिटफंड कम्पनियों पर क्या कहा पढ़िए
बिलासपुर. पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में भी गणतंत्र दिवस धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पुलिस ग्राउंड किगंतंत्र दिवस परेड में मुख्यअतिथि संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने झण्डारोहण कर तिरंगे को सलामी दी और मुख्मंत्री भूपेश बघेल के संदेश का वाचन किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर प्रदेश की जनता से क्या कुछ कहा जानिए. पढ़िए मुख्यमंत्री का पूरा भाषण.
भूपेश बघेल का प्रदेश के नाम सन्देश
गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर मैं सबसे पहले छत्तीसगढ़ महतारी के पावन सपूतों अमर शहीद गेंद सिंह शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधुर का सादर स्मरण करता हूं जो हमारे आदिवासी समाज से आते हैं। इन वीर जवानों का बहुत बड़ा योगदान राष्ट्रीय आंदोलन में रहा जिन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्गम अंचलों में रहकर छत्तीसगढ़ महतारी के मान को भारत माता के सम्मान के साथ जोड़ा। भारत मां के लाखों सपूतों और सुपुत्रियों की शहादत को याद करना हमारा परम कर्तव्य है। मंगल पांडे, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामपसाद बिस्मिल,अशफाकउल्ला खान, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंती बाई लोधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, लाल-बाल-पाल और उनके सहमार्गियों से देश कभी उऋण नहीं हो सकता। हमें गर्व है कि हम महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान निर्माताओं के वंशज है।
हमारे पुरखों ने आजादी की लड़ाई में देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए देश में समरसता के मूल्य और संस्कारों को बचाए रखने के लिए कुर्बानियां दी है। जो लोग इस भाव धारा से जुड़कर अपने आप को देखते हैं वे ही हमारी विरासत के महत्व को समझ सकते हैं। चाहूंगा कि सब नई पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के मूल्यों से अवगत कराएं । जब तक देश संविधान के अनुसार चलता रहेगा तभी तक हम सबकी और देश की आजादी सुरक्षित रहेगी। हमारे संविधान के बदौलत ही हमारा देश लोकतंत्रात्मक गणराज्य कहलाता है। इससे नागरिकों को न्याय स्वतंत्रता समता गरिमा और बंधुता का वरदान मिलता है। आधुनिक भारत के संस्कार और स्वरूप को गढ़ने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर,सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, लाल बहादुर शास्त्री,इंदिरा गांधी,राजीव गांधी जैसी विभूतियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
पंडित रविशंकर शुक्ल ठाकुर प्यारेलाल सिंह बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव डॉ खूबचंद बघेल पंडित सुंदरलाल शर्मा डॉ राघवेंद्र राव क्रांति कुमार बैरिस्टर छेदीलाल लोचन प्रसाद पांडे यति यतनलाल डॉक्टर राधाबाई, पंडित वामन राव लाखे महंत लक्ष्मीनारायण दास अनंतराम पर्ची हां मौलाना अब्दुल रऊफ खान हनुमान सिंह रोहिणी भाई परगनिहा केकती बाई बघेल, बेला, बाई इंदु केवट, उदय राम वर्मा खिलावन सिंह ,बघेल घसिया मंडल बंशीलाल बघेल राम लाल वर्मा अयोध्या प्रसाद कश्यप डोरीलाल बघेल सखाराम तिवारी खुदीराम कश्यप रमाकांत दुबे रामप्रसाद पोटाई धनीराम वर्मा परसराम सोनी लाल कालेंद्र सिंह हेडमा मांझी धुरवा राम मारिया आसाराम वर्मा केजू कोटवार दौलत राम साहू रामेश्वर वर्मा जुगनू राम वर्मा लखन राम वर्मा मीरा सिंह निर्मल जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने राष्ट्रीय आंदोलन में छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की। इन सभी को सादर नमन करता हूं।
विरासत को संभालने की जिम्मेदारी
संविधान में लिखी गई इबारतों को बहुत साफ मन और न्याय के अटूट इरादों से ही समझा जा सकता है। खुशी है कि विरासत में हमें न्याय के लिए जो अधिक साहस मिला है। उसी को हमने अपनी सरकार का मूल मंत्र बनाया है। सबसे कमजोर तबकों को सबसे पहले और सबसे ज्यादा तवज्जो देकर न्याय दिलाना हमने अपना प्रथम कर्तव्य माना है। जिसके कारण हम बिना किसी संशय के 4 वर्षों से छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा पूरी लगन से कर रहे हैं। विश्वास था कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन से आदिवासी बहुल अंचलों के अनमोल संसाधनों का लाभ स्थानीय जनता को देने के नए रास्ते बनेंगे।
विडंबना है कि ऐसा नहीं हो पाया। बड़े निवेश लाने के नाम पर हसीन सपने दिखाए जाते थेय़ न निवेश हुआ न सपने पूरे किए गए। हमने साबित किया कि निवेश के नाम पर आदिवासी अंचलों का विकास रोके रखना कदापि उचित है। प्राकृतिक संसाधनों, वन संसाधनों और स्थानीय मानव संसाधन की शक्ति से भी बड़ा बदलाव किया जा सकता है। राज सरकार में आने के बाद हमने पहले दिन से बदलाव के लिए ईमानदार प्रयास शुरू किए। जिसका नतीजा आप सबके सामने है।आम जनता को जितने भी महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए और न्याय देने के काम किए गए वे सब स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने वालों और उनके वंशजों की बड़ी सोच के कारण संभव हुआ है।
वनवासियों की जिन्दगी सवारने का प्रयास
वन अधिकार अधिनियम भी ऐसा ही एक कानून है। हमारे नेताओं ने देश में लागू किया था। अनुसूचित जनजातियों एवं परंपरागत वनवासियों की जिंदगी सवार सकता था। लेकिन प्रदेश में इस कानून पर अमल सही इच्छाशक्ति से नहीं हुआ था। वन अधिकार के दावों को बड़े पैमाने पर खारिज किया गया था। अनेक प्रावधानों को लागू ही नहीं किया गया था। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमने सिर्फ 4 वर्षों में वन अधिकार पत्रों के तहत दी गई भूमि को 11 लाख से बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर कर दिया। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र तथा नगरी क्षेत्र में वन अधिकार पत्र देने की पहल प्रदेश एवं देश में पहली बार हमने की। प्रयासों से हमने 5 लाख से अधिक परिवारों को अनिश्चितता से उबारा। रोजगार और विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया है। विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के लिए वन अधिकार पत्र धारियों को पात्रता दी है। वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु 13 हजार 586 ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के साथ उपखंड और जिला स्तरीय समितियों का गठन किया ।
विशेष रुप से कमजोर जनजातियों को पर्यावास का अधिकार देने की शुरुआत भी हमने धमतरी जिले से की है। आदिवासी भाई बहनों को न्याय दिलाने के लिए लघु वनोपज उपार्जन के सभी पहलुओं पर काम किया 7 से बढ़ाकर 65 वनोपजों के लिए समर्थन मूल्य देने तथा मूल्य वृद्धि का फैसला किया। अब हम देश की कुल वनोपज खरीदी का 75% हिस्सा खरीद रहे हैं ।तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 से पढ़ा कर ₹4000 प्रति मानक बोरा किया। आदिवासी परिवारों को ऐसी फसलें लेने के लिए प्रेरित किया जो बाजार में बहुत अच्छे दामों पर बिकती हैं। लोहंडीगुड़ा में जमीन वापसी के साथ ही हमने पूरे प्रदेश में वनोपज प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया। प्रदेश में ऐसे 50 केंद्रों में 134 प्रकार का हर्बल उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। जिनकी बिक्री कॉमर्स प्लेटफार्म के साथ ही राज्य स्थापित संजीवनी केंद्र सी मार्क आदमी हो रही है। मात्र 4 वर्षों में प्रदेश के 112 विकास खंडों में भूमि का चिन्ह आंगन और 52 विकास खंडों में भूमि हस्तांतरण हो चुका है। प्रदेश में 562 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जा चुकी है।
वनोपज उत्पाद को दिया बढ़ावा
मिलेट्स कि ज्यादातर खेती वन अंचलों में की जाती है। उचित दाम और विपणन सुविधाओं के अभाव में इसका लाभ आदिवासी तथा ग्रामीण जनता को नहीं मिल पाता था। मिलेट्स की खेती करने वाले किसानों को भी मान दिलाया है। कोदो कुटकी रागी खरीदी के लिए समर्थन मूल्य घोषित किया । राजीव गांधी किसान या योजना से भी जोड़ा है। छत्तीसगढ़ मिलेट्स मिशन का गठन किया 14 जिलों में मिलेट्स की उत्पादकता सहित आवश्यक सूट और अनुसंधान के लिए एमओयू किया गया । विश्वास है कि मिलेट्स को लेकर देश और दुनिया में जो सकारात्मक वातावरण बना है। उसका लाभ छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और किसानों को दिलाने के लिए समय पर सही कदम उठा लिया है।
अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए नए-नए उपाय किए हैं। आदर्श छात्रावास योजना एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना शिष्यवृत्ती योजना छात्र भोजन सहाय योजना राजीव युवा उत्थान योजना राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा योजना जवाहर विद्यार्थी उत्कर्ष योजना जैसे अनेक प्रयासों में सहायता राशि हितग्राहियों की संख्या तथा सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी किए जाने से विद्यार्थियों में नई आशा और विश्वास जागा है।
आदिवनासी कला संस्कृति और सम्मान को बढ़ावा
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश और शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय जैसी पहल से इन वर्गों का गौरव और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिली है। देव गुड़ी तथा गुरुकुल के महत्व को आत्मसात करते हुए इनके विकास हेतु आर्थिक सहायता में भी बढ़ोतरी की है। विभिन्न परंपरागत काम करने वाले समुदायों की आय वृद्धि हेतु समुचित पहल करने के लिए मंडलों का गठन किया है। चिराग परियोजना के माध्यम से 14 आदिवासी बहुल जिलों में कृषि एवं से जुड़े अवसरों का लाभ स्थानीय लोगों को दिलाने का कार्य भी शुरू किया गया है। देश के जिन कानूनों का लाभ प्रदेश के आदिवासी समाज को राहत देने के लिए पूर्व में नहीं किया गया था। हमने उस दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं
नक्सलगढ़ नहीं..अब विकास गढ़
पेशा कानून के लिए नियम बनाने के मामले में हम देश के पांच में राज्य बने हैं। जेल में बंद और अनावश्यक मुकदमे वादी से टूट रहे आदिवासी परिवारों को राहत के साथ रिहाई दिलाने का वादा भी हमने निभाया है। आदिवासी बहुल जिलों में बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य पोषण रोजगार सड़क निर्माण बस्तर फाइटर्स बल में भर्ती जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रणनीति बनाई हौ। जिससे समस्याओं का समाधान तत्काल हो।
लोगों को शासन प्रशासन की नजदीक उपस्थिति महसूस भी हो। समन्वित प्रयासों और एकीकृत योजनाओं से स्थल पर मिलना शुरू हुआ तो नक्सलवाद की जड़ें भी कमजोर होती चली गई। जनजीवन सामान्य हुआ। 13 वर्षों से बन्द 300 स्कूलों का जीर्णोद्धार और फिर संचालन संभव हुआ। यही वजह है कि बस्तर अब नक्सलगढ़ ने बल्कि विकास गढ़ के रूप में पहचान पा रहा है। बस्तर में नियमित हवाई यात्रा की तरह नियमित विकास की ऊंची उड़ान भी देखने को मिल रही है।
सेन्ट्रल पूल में सर्वाधिक चावल देने का रिकार्ड
छत्तीसगढ़ राज्य गठन से किसानों और ग्रामीणों के मन में उम्मीद जागी थी कि नको आर्थिक स्वावलंबन के साथ सम्मान भी मिलेगा । लेकिन उन्हें सिर्फ धोखा ही मिला । 4 साल पहले हमने यह बीड़ा उठाया कि धानवान किसानों को धनवान बनाएंगे। डेढ़ दशक तक उनके साथ हुए धोखे के दुखों को खुशहाल जिंदगी में बदला है। चार सालों में धान खरीदी को 56 लाख 80 हजार मैट्रिक टन से बढ़ाकर एक करोड़ मिट्टीक टन से अधिक पहुंचा दिया। हर वर्ष एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। चार साल पहले समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की हताशा मुझे आज भी याद है। सिर्फ 15 लाख 77000 किसानों ने पंजीयन कराया था। बढ़कर 25 लाख हो गया है।
धान बेचने के लिए पहले पंजीकृत रकबा मात्र 24 लाख 86 हजार हेक्टेयर था। बढ़कर 32 लाख से अधिक हो गया है। खरीदी केंद्रों की संख्या पहले मात्र 1899 थी अब बढ़कर 2497 हो गयी है । किसानों को मंडी में बेहद अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ता था। ऑनलाइन टोकन शुरू किया और ऐसे अनेक इंतजाम किए जिससे धान खरीदी बहुत ही सम्मानजनक तरीके से होने लगी है। संग्रहित धान को सीधे मिलिंग के लिए भेजने की नई व्यवस्था कीक्षमता बढ़ने से हम केंद्रीय पूल में सबसे ज्यादा चावल देने वाले राज्य बन गए हैं।
धरती माता को सम्मान
धरती को हम माता मानते हैं तो हमारा कर्तव्य कि माता की सेहत का भी पूरा ध्यान रखें। रासायनिक जहर से माटी की शुद्धता को बचाएं। हमने जो नरवा गरवा घुरवा बारी की पहचान छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी के रूप में की हैय़ सुराजी गांव योजना के तहत चिन्हारी को बचाने बढ़ाने सजाने संवारने और आने वाली पीढ़ी को अच्छी से अच्छी स्थिति में सौंपने के लिए बहुत बड़ा अभियान छेड़ा है। भूमि का जल स्तर बढ़ा है।
जैविक खाद और जैविक खेती को लेकर छत्तीसगढ़ ऊंची उड़ान भर चुका है। लगभग 28 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन से हमारे गौठानों ने ऐसा बढ़ाई कीर्तिमान बनाया है जिसके सामने बड़ी-बड़ी कंपनियां नहीं ठहरती हैं। गौठान को हमने सामाजिक आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा था। 11268 का निर्माण की स्वीकृति 9716 थानों का निर्माण 4000 से अधिक स्थानों का स्वावलंबी होना और 300 अधिक स्थानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का शिलान्यास हो जाना अपने आप में सफलता की पूरी कहानी है।
आजीविका साधनों को विकास
खुशी है कि गांव को सक्षम गणराज बनाने का सपना देखने वाले पुरखों महात्मा गांधी पंडित जवाहरलाल नेहरू की उम्मीदों पर खरे उतर रहे हैं। हजारों गौठान जब रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में गांव में ही गोबर से बिजली बनाएंगे सहित विभिन्न आवश्यक चीजों का उत्पादन करेंगे। तेल मिल, दाल मिल, आटा मिल, मिनी राइस मिल जैसी हजारों छोटी-छोटी औद्योगिक इकाइयों को चलाएंगे तो इससे हमारे गांव में जो ताकत पैदा होगी। हमारी गोधन न्याय योजना से न सिर्फ पशुधन विकास को नई ऊंचाई मिली है। बल्कि गोबर के सांस्कृतिक महत्व के साथ ही आर्थिक महत्व को भी रेखांकित करने में बड़ी सफलता मिली है। योजना से प्रदेश के 3 लाख से अधिक लोगों को आय का नया जरिया मिला है।
अब तक 362 करोड रुपए से अधिक की आय भी हुई है। हितग्राही परिवार अपने आवास वाहन स्वास्थ जीवन स्तर उन्नयन मांगल कार स्थायी संपत्तियों का निर्माण आजीविका के साधनों के विकास जैसे अनेक काम कर पा रहे हैं। किसानों और अन्य जनहितकारी योजनाओं के हितग्राहियों को लगभग 1 लाख 50000 करोड रुपए की राशि प्रदान करते हुए न्याय योजनाओं को सार्थक बनाया है । किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या विगत 4 वर्षों में 50% से बढ़ाकर 81 लाख 22 हजार हो गई है। साथ ही ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में बैंकिंग की सुविधाओं में भी अभूतपूर्व बढ़ोतरी की गई है।
चिटफण्ड कम्पनियों पर कार्रवाई
प्रदेशवासियों के गाढ़े पसीने की कमाई को उच्चस्तरीय संरक्षण से कोई लूट कर ले जाए इस स्थिति को हम कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। इसलिए सरकार में आते ही चिटफंड कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोला। छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों में 207 चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर 650 से अधिक संचालक और उनके पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। अब तक 82 प्रकरणों में 43 कंपनियों के विरूद्ध 73 करोड़ 24 लाखों रुपए की संपत्ति कुर्की नीलामी वसूली का अंतिम आदेश न्यायालय द्वारा दिया जा चुका है। 36239 निवेशकों को ₹247000000 की राशि लौटाई गई है।
निकट भविष्य में और भी बड़ी राशि लौटाई जाएगी। ऑनलाइन जुआ की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ जुआ अतिशेष अधिनियम 2022 पारित होना भी प्रदेश की एक बड़ी उपलब्धि है। निश्चित तौर पर धान के किसानों की खुशहाली से छत्तीसगढ़ महतारी के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आई है। हमने धान के साथ हर तरह की फसल लेने वाले किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए राजीव गांधी किसान या योजना लागू किया। 3 वर्षों में 16 हजार 442 करोड़ की आदान सहायता दी गई। योजना से उद्यानिकी फसलों को जोड़ने से प्रदेश में साग सब्जी तथा फलों के उत्पादन तेजी से बढ़ा है। इसी के साथ उनके संरक्षण हेतु कोल्ड स्टोरेज की स्थापना फल सब्जी मंडी तथा प्रसंस्करण इकाइयों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।
आर्थिक मदद देना के सपना साकार
भूमिहीन मजदूरों को न्याय कैसे दिलाया जाए इस संबंध में प्रदेश तो क्या देश में कोई सोच नहीं थी। हमने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लागू कर 4 लाख 66 हजार अधिक किसानों को लोगों को वर्ष में सुनिश्चित आर्थिक मदद देने का सपना साकार किया है। 4 वर्षों में विभिन्न तरह के काम करने वाले श्रमिकों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं शुरू की। लाभ का दायरा भी बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केंद्र योजना मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निशुल्क कार्ड योजना मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र योजना निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक काफी योजना खेलकूद योजना एवं ई पोर्टल कारखाना श्रमिक प्रशिक्षण योजना आदि से श्रमिक परिवारों को बहुत राहत दी गई है। मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को दोगुना करने मुख्यमंत्री आधारभूत शिक्षा प्रशिक्षण सहायता योजना मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना निर्माण श्रमिकों के लिए निशुल्क कोचिंग सहायता योजना शुरू करने की भी घोषणा की गई है।
धान की धरती में भूख और कुपोषण का तांडव कैसे चलता रहा है यह सोच कर देखिए। हमने इस चित्र को तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया। जिसके कारण चिह्न की 4 लाख 34 हजार बच्चों में से 2 लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा 1 लाख 50 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्त किया है। गर्भस्थ शिशुओं से लेकर सुरक्षित प्रसव माताओं और शिशुओं के स्वस्थ विकास के विभिन्न पहलुओं पर समुचित ध्यान दिया है। विभिन्न प्रयासों से मातृत्व मृत्यु दर 159 से घटकर 137 हो गई है। दूसरी संतान बेटी होने की स्थिति में किसी भी तरह की मदद का प्रावधान पूर्व में नहीं था। इस अंतर को पाटने के लिए हमने कौशल्या मातृत्व सहायता योजना शुरू की। इसी तरह बाल को बाल शिक्षा नीति मिशन कौशल सहित छत्तीसगढ़ महिला कोष नवा बिहान सक्षम योजना सखी वन स्टॉप सेंटर अनेक योजनाओं से नारी शक्ति को मजबूत किया जा रहा है।
खाद सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ते हुए हमने स्थानी खानपान की विशेषताओं और सूचियों का विशेष ध्यान रखा जिससे सकारात्मक नतीजे प्राप्त हुए हैं पोषण सुरक्षा के लिए आयरन फोलिक एसिड युक्त फल का वितरण अभी 12 जिलों मध्यान्ह भोजन योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना हेतु किया जा रहा है। मैं घोषणा करता हूं कि अप्रैल 2023 से सभी जिलों में पीडीएस के राशन कार्ड धारियों को फोर्टीफाइड चावल का वितरण प्रारंभ किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 64 लाख प्राथमिकता एवं राशन कार्ड धारियों को अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक निर्धारित मासिक पात्रता एवं अतिरिक्त पात्रता का चावल निशुल्क वितरण किया गया। मैं घोषणा करता हूं कि इस वर्ष 2023 से दिसंबर 2023 तक मासिक पात्रता का चावल निशुल्क प्रदान किया जाएगा। हमने वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सार्वभौम पीडीएस के तहत दो करोड़ 6100000 हितग्राहियों को अर्थात शत-प्रतिशत खाद सुरक्षा का लक्ष्य पूरा कर लिया है। राशन कार्ड हरि अपनी सुविधा से छत्तीसगढ़ स्वाद देश के किसी भी राजकीय उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री प्राप्त कर सकें इसके लिए वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पर अमल किया जा रहा है।
औद्योगिक विकास को बल
13518 उचित मूल्य दुकानों में से 13451 उचित मूल्य दुकानों में ई पोस मशीन स्थापित करके आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक वाणिज्यिक और औद्योगिक विकास पर पूरा ध्यान दिया है। हमारे गांव निर्माण का केंद्र बने शहर विक्रय का इस शोध को धरातल पर उतारने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।हमने छत्तीसगढ़ को नए जमाने के रूप में औद्योगिक विकास के लिए भी आदर्श राज्य बनाया है। इसके लिए हमने स्टील क्षेत्र जैसी अपनी पुरानी खुद को फिर से जगाया है तो खाद्य प्रसंस्करण प्रवाह लघु वनोपज रक्षा इलेक्ट्रॉनिक प्लास्टिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन सेवा केंद्र 3D प्रिंटिंग पर्यटन क्षेत्रों को भी छत्तीसगढ़ में भागीदारी निभाने के लिए आमंत्रित किया है।
यही वजह है कि विगत 4 वर्षों में प्रदेश में 1856 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई 19700 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश सुनिश्चित हुआ। विगत 4 सालों में 6 नए जिले 19 अनु विभाग और 83 तहसीलों का गठन किया है। शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि योजना का लाभ देने हेतु हम अपने निर्णय पर अडिग हैं। इसके लिए समुचित कदम उठाए जा चुके हैं। आम जनता को ऑनलाइन सेवाएं देने के लिए हमने लोक सेवा केंद्रों को सशक्त बनाया जिसके कारण विगत 4 वर्षों में लगभग एक करोड़ 14 लाख आवेदकों आवेदनों का निराकरण इस प्रणाली से किया गया।
इसके अलावा परिवहन नगरी निकाय हो तथा विभिन्न शासकीय सेवाओं में पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन प्रणालियों को बढ़ावा दिया गया है। जिसका लाभ लाखों लोगों को हो रहा है। मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत सभी 14 नगर निगम में जनता को घर में जाकर प्रमाण पत्र लाइसेंस जैसे दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिसका लाभ 40,000 से अधिक लोगों को मिला है। मेरा मानना है कि सेहत समृद्धि और खुशहाली का सीधा रिश्ता होता है कहा गया है कि एक स्वास्थ्य हजारी आमद हमारी सरकार ने जन स्वास्थ सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए हैं। अस्पताल खोलने अस्पतालों को जैसे सारे योजनाबद्ध कार्य तेजी से हो यह सुनिश्चित करने के साथ ही हमने हर हालत में समुदाय तक पहुंचने की रानी नीति अपनाई है।
स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा का विस्तार
चिकित्सालयों को हाट बाजारों बसा तो तंग बस्तियों और उन सभी जगहों तक पहुंचाया गया जहां तत्काल आवश्यकता थी पूर्णविराम जन स्वास्थ सुविधाएं नियम प्रक्रियाओं के चक्कर में उलझ कर विलंबित ना हो यह हमारी सबसे बड़ी चिंता थी। विगत 4 वर्षों में हमने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना मुख्यमंत्री दाई दीदी क्लीनिक योजना हमर लाइव देसी योजनाओं से एक करोड़ 90 लाख से अधिक लोगों को स्वास्थ्य रक्षा की है। मेडिकल स्टोर योजना के तहत 169 निकायों में 193 दुकाने संचालित की जा रही है।4300000 से अधिक लोगों को ₹750000000 से अधिक की बचत हुई है। धनराशि किसी के इलाज में रुकावट न बने इसके लिए हमने डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के माध्यम से बहुत बड़े पैमाने पर निशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था की है।
4 वर्ष पूर्व तक प्रदेश के विभिन्न अंचलों में जिस तरह से बीमारियां और महामारी फैली थी उसे तत्काल प्रभाव से रोकने में हमें बड़ी सफलता मिली । मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान से प्रदेश में प्रति भी सूचकांक 5.31% से घटकर 0.92% रह गया है। हमें सुनिश्चित कर रहे हैं कि नवा छत्तीसगढ़ स्वस्थ छत्तीसगढ़ के रूप में भी अपनी नई पहचान बनाए। हमने शिक्षा के माध्यम से राज्य की नई पीढ़ी को सक्षम बनाने की दिशा में भी क्रांतिकारी कदम उठाए हैं।
प्रतिभा सवांरने की जिम्मेदारी
पहली कक्षा की पढ़ाई मातृभाषा से शुरू करने के लिए राज्यव्यापी भाषाई सर्वे करने वाले हम पहले राज्य हैं। बस्तर के गांव-गांव में कहानी उत्सव के माध्यम से मातृभाषा में शिक्षा देने के अभियान को गति दी गई है। सरकारी शालाओं के बच्चों का आत्मबल बढ़ाने और उनकी प्रतिभा को सवारने हेतु पब्लिक स्कूलों से बेहतर अधोसंरचना विकसित करने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम की 247 साल आओ और हिंदी माध्यम के 32 सालों का संचालन किया जा रहा है। दिन में 2 लाख 15 हजार बच्चों को प्रवेश मिला है।
आगामी सत्र से 422 नई शालाओं को उत्कृष्टता के इस अभियान में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। शुघ्घर पुढ़वैया योजना भी शुरू की गई है। जिसमें विद्यालयों को ही शैक्षिक उन्नयन में भागीदार बनाकर पुरस्कारों की घोषणा की गई है। अल्प समय में ही 22000 से अधिक अर्थात 51% विद्यालयों ने इस योजना में शामिल होने की अनुमति देकर बड़े सुधार की दिशा में कदम उठा लिया है।
उच्च शिक्षा को हमने युवाओं के अनुशासन संस्कार और उनके रोजगार की क्षमता बढ़ाने के नजरिए से देखा । समुचित कदम उठाए हैं। आवश्यकता के अनुरूप हमने शिक्षा और बालिकाओं के लिए विशेष महाविद्यालय शुरू किए तथा सीटों में भी बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की है। खुशी है कि महाविद्यालय में सकल नामांकन अनुपात 5 गुना बढ़ गया है। छात्राओं की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। इस तरह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों का आगे बढ़ना एक बड़ी उपलब्धि है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों की तर्ज पर महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। जो उच्च शिक्षा की उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नए प्रतिमान बनेंगे। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक ओर जहां शासकीय शासकीय विभागों निगमों पर भर्ती की गई वहीं निजी क्षेत्रों में भी रोजगार और स्वरोजगार की समुचित व्यवस्था की गई है।
प्राथमिकता में समावेशी विकास
राज लोक सेवा आयोग व्यापम परीक्षा शुल्क माफ किया गया। निर्माण विभाग में पंजीयन के माध्यम से सीमित निविदा प्रक्रिया का लाभ दिया गया।गांव से लेकर शहरों तक आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है जिसमें बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। इस तरह छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 2.1% के न्यूनतम स्तर तक लाने में मिली सफलता का श्रेय मैं राज्य के विकास में भागीदार बने आप सभी लोगों को देता हूं। व्यापक जन भागीदारी नवाचार और समावेशी विकास के लिए हमारी जमीनी से बना छत्तीसगढ़ मॉडल अब देश को दिशा दे रहा है।
स्वास्थ अधोसंरचना के के लिए कोरोनावायरस आपदा मोचन निधि तथा अन्य मदों से समुचित राशि दी गई है। नगरीय निकायों को जरूरत थी तब उन्हें एक मुस्त आर्थिक सहायता दी गई। अस्पताल और स्कूलों को जरूरत थी तब उनके लिए एकमुश्त सहायता राशि की घोषणा की गई। सड़कों पर गड्ढे उभरे तो अभियान चलाकर 6000 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत हेतु घोषणा की गई कि इसमें बजट की कोई कमी नहीं होगी।प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2020 तक 939335 आवासों की स्वीकृति देकर 833488 का निर्माण पूरा हो चुका है। शेष का निर्माण शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। वर्ष 2021 वाइस में 157815 आवासों के लक्ष्य अनूप शत-प्रतिशत स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। मुझे खुशी है कि आर्थिक तंगी के कठिन दौर में भी हमारी रणनीति चोरला राहत पहुंचाई गई और विकास को गति दी गई है।
संविधनान के सिद्धांतों का मूल्य
26 जनवरी 2024 को हम 75 वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे । यह हमारे गणतंत्र का अत्यंत गौरवशाली पड़ाव होगा। गणतंत्र जन-जन के अधिकारों और गौरव का दिन है। भारतीय संविधान के प्रति आस्था ही नहीं बल्कि हम एक दूसरे के प्रति आस्था विश्वास सद्भाव और विकास में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने के संकल्प का भी दिन है। आवाहन करता हूं कि संविधान के सिद्धांतों मूल्य और इसके पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत बनाने की दिशा में रचनात्मक कार्यक्रमों का सिलसिला सभी लोग अपने अपने स्तर पर शुरू करें।
छत्तीसगढ़िया आदर्शों का विस्तार
हमारे पुरखों ने सिखाया है कि अपनी माटी परंपराओं और संस्कृत से जुड़कर हम एकजुटता कैसे बनाते हैं ।इन मूल्यों के बीच चलने का खामियाजा पहले भी बहुत भुगता जा चुका है। छत्तीसगढ़िया अस्मिता स्वाभिमान और सावन की अलख जगाने के लिए छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं। जाति धर्म संप्रदाय से ऊपर उठकर छत्तीसगढ़ीयत आदर्शों का विस्तार करेगी। छत्तीसगढ़ राज्य को यह सौभाग्य मिला है कि इसके नाम के साथ महतारी शब्द जोड़ता है। जो मातृशक्ति के प्रति हमारी गहरी आस्था का प्रतीक है। चाहूंगा कि सार्वजनिक आयोजनों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा उनका चित्र राजगीत राजकीय प्रतीक छत्तीसगढ़िया गमछा बोरे बासी तथा छत्तीसगढ़िया खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाए। छत्तीसगढ़िया त्योहारों पर घोषित किए गए सार्वजनिक अवकाश ओं का उपयोग त्योहार के महत्व के अनूप आयोजनों में किया जाए।
हम होंगे कामयाब
छत्तीसगढ़ी ओलंपिक के माध्यम से पारंपरिक ग्रामीण खेलों के प्रति चेतना जगाने और आपसी सद्भाव को मजबूत बनाने में हमें अपार सफलता मिली है। विश्वास है कि विकास के हमारे छत्तीसगढ़ मॉडल ने प्रदेश में जीवन स्तर उन्नयन समृद्धि खुशहाली और स्वावलंबन की दिशा में जो उपलब्धियां दिलाना शुरू की है वह प्रारंभिक दौर में ही है। बहुत ऊंचाइयों के शिखर पर जाने की संभावना है। विश्वास है कि आप सबके सहयोग समर्थन और भरोसे की पूंजी से हम इस ग्रुप को देश का सबसे समृद्ध और सबसे खुशहाल राज बनाने में सफल होंगे।