लोगों के जीवन से खिलवाड़, बिना मान्यता चल रहा अस्पताल
बिलासपुर। शहर के मंगला चौक के पास मिनोचा कॉलोनी में संचालित श्री विजय वंदना अस्पताल मरीजों के जीवन से खुलेआम खिलवाड़ कर रहा है और शासन के नियमों की अवहेलना भी कर रहा है।
शासन ने नहीं दी है अस्पताल चलाने की मान्यता
दरअसल मिनोचा कॉलोनी में श्रीवास भवन के पास नवनिर्मित बहुमंजिला इमारत में विजय कुमार नाम के डॉक्टर “श्री विजय वंदना हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर” नाम का अस्पताल संचालित कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह अस्पताल पिछले कई महीनो से बिना मान्यता के ही संचालित हो रहा है।
श्री विजय वंदना अस्पताल के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि डॉ विजय कुमार, डॉक्टर गणेश्वरी पात्रे, डॉक्टर संतोष उद्देश्य एवं डॉ राजेश्वरी उद्देश्य मिलकर बिना मान्यता वाले इस अस्पताल का संचालन करते हैं।
यह चारों डॉक्टर मिलकर शासन की नजर में धूल झोंक रहे हैं और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं।
CMHO ने भी कहा, नहीं है परमिशन
बिलासपुर जिले के सीएमएचओ डॉक्टर श्रीवास्तव ने भी मीडिया से बात करते हुए बताया है कि श्री विजय वंदना अस्पताल बिना मान्यता के संचालित हो रहा है। आश्चर्य की बात है कि सारी जानकारी होने के बावजूद नियम विरुद्ध चल रहे इस अस्पताल पर अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने मारा था छापा
आपको बता दें कि कुछ महीने पहले स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने श्री विजय वंदना अस्पताल में छापा भी मारा था जहां पर आयुष्मान कार्ड से कई मरीजों का इलाज किया जाना पाया गया जबकि इस अस्पताल के पास आयुष्मान कार्ड से इलाज करने की मान्यता ही नहीं है।
दुर्घटना की आशंका
बिना मान्यता के चल रहे इस अस्पताल में यदि कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो यह चारों डॉक्टर तो अपना पल्ला झाड़कर निकल जाएंगे लेकिन जिन मरीजों का नुकसान होगा उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
टीकाकरण में अभियान के दौरान दो मासूम बच्चों की मौत की दुखद घटना से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर पहले ही सवाल उठ रहे हैं उसपर यह नया मामला और भी चौंकाने वाला है कि पूरा का पूरा अस्पताल ही बीच शहर में बिना मान्यता के चल रहा है और स्वास्थ्य विभाग हाथ पैर हाथ धरे बैठा है।
कब टूटेगी विभाग की नींद
ऐसा लगता है कि शायद स्वास्थ्य विभाग को किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है शायद लोगों की जान जाने के बाद ही विभाग की नींद टूटेगी। हम तो यही उम्मीद करते हैं कि किसी बड़ी दुर्घटना के पहले ही स्वास्थ्य विभाग ऐसे बिना मान्यता वाले अस्पतालों पर ताला लगाकर लोगों की जान की रक्षा करेगा।