बिलासपुर : प्रभारी को धोखे में रखकर ACCU का प्रधान आरक्षक ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों से ले रहा रिश्वत?
सूत्र से जानकारी मिली है कि ACCU बिलासपुर के प्रभारी को जानकारी दिए बिना टीम का एक प्रधान आरक्षक अवैध लेनदेन के कारनामों को अंजाम दे रहा है. बीते बुधवार की रात ACCU में पदस्थ प्रधान आरक्षक ने तोरवा क्षेत्र के एक पार्षद के साथ मिलकर सट्टा ऐप संचालक को छोड़ने के लिए हवाला के माध्यम से लगभग 21 लाख का लेनदेन किया. इसके अलावा तकरीबन एक पखवाड़े पहले भी सरकंडा क्षेत्र के एक बड़े खाईवाल का नाम उजागर न करने के लिए ACCU के इस प्रधान आरक्षक ने खाईवाल का लेनदेन सम्हालने वाले व्यक्ति (जो कि रिंग रोड नंबर-02 के समीप रहता है) से लगभग 15 लाख रुपयों की रिश्वत ली थी.
क्या है पूरा मामला
सूत्र एवं प्रकाशित ख़बरों से मिली जानकारी के अनुसार बीते बुधवार की रात ACCU की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि मध्यप्रदेश का रहने वाला एक ऑनलाइन सट्टा ऐप का संचालक मनोज पंजवानी विवाह समारोह में शामिल होने अपने ससुराल यानि बिलासपुर आया हुआ है. सूचना मिलने पर ACCU की एक टीम अपने प्रभारी को जानकारी दिए बिना ही मौके पर पहुच गई. मामला रफा–दफा करवाने के लिए सट्टा संचालक ने तोरवा क्षेत्र के अपने करीबी पार्षद को वहां बुला लिया. सूत्र ने बताया कि ACCU के प्रधान आरक्षक और पार्षद ने मिलकर सौदा तय किया. सौदा 21 लाख़ रुपयों में तय हुआ. पंजवानी ने नकदी उपलब्ध न होने के कारण बैंक खाते में रूपए ट्रांसफर करने का आग्रह किया.
रामा मैग्नेटो मॉल के पास रहने वाले व्यक्ति के खाते में मंगाया पैसा
सूत्र ने बताया कि सट्टा ऐप संचालक पंजवानी ने रिश्वत के रूप में तय हुई रकम को हवाला के माध्यम से शहर के ही एक व्यक्ति के बैंक खाते में ट्रांसफ़र करवाया है. बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति के बैंक खाते में हवाला की ये रकम आई है उसका घर और दफ़्तर बिलासपुर के रामा मैग्नेटो मॉल के पास स्थित है और ये ज़मीन ख़रीदी बिक्री का कारोबार करता है.
सरकंडा के खाईवाल का नाम उजागर न करने के लिए 15 लाख
सूत्र ने बताया कि बीते बुधवार की रात हुए इस कथित लेनदेन के पहले भी ACCU के उस प्रधान आरक्षक ने अपने प्रभारी को अँधेरे में रखकर एक बड़े लेनदेन को अंजाम दिया था. सूत्र ने बताया कि सरकंडा क्षेत्र का एक बड़ा खाईवाल शहर से बाहर रहकर अपना अवैध कारोबार संचालित कर रहा है जिसके पैसों का लेनदेन वसूली भुगतान आदि रिंग रोड नंबर-02 के पास रहने वाला एक व्यक्ति सम्हालता है. लगभग 15 दिन पहले उसी प्रधान आरक्षक की अगुआई में ACCU की एक टीम उस व्यक्ति से पूछताछ करने पहुची. पूछताछ में उसने सरकंडा के खाईवाल का काम सम्हालने की बात कही. खाईवाल का नाम उजागर न करने और सट्टा चलते रहने देने के एवज में टीम ने उससे 15 लाख रूपए लिए ऐसी बात कही जा रही है.
ACCU प्रभारी को खबर नहीं
अवैध कारोबारियों से कथित रूप से रिश्वत लिए जाने के इन दोनों मामलों के प्रति ACCU बिलासपुर के प्रभारी ने अनभिज्ञता ज़ाहिर की है और गंभीरता से जाँच करने की बात कही है.
जांच कितनी गंभीरता की जाएगी और सच सामने आएगा या नहीं ये तो फ़िलहाल कहा नहीं जा सकता लेकिन ये दोनों मामले इस बात की तरफ़ ज़रूर इशारा कर रहे हैं कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बनाई गई इस विशेष टीम में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और टीम में शामिल कुछ लोग उच्चाधिकारियों की आँखों में धूल झोंक कर अपनी मनमानी कर रहे हैं जिससे पूरे विभाग की साख दांव पर लग गई है.