बिलासपुर : रेल्वे सफ़ाईकर्मियों को 3 महीने से नहीं मिला वेतन, ठेकेदार पर लग रहे घपलेबाजी के आरोप
बिलासपुर। जिन सफ़ाई कर्मचारियों की बदौलत बिलासपुर रेलवे-स्टेशन प्रदेश का सबसे साफ़ सुथरा स्टेशन माना जाता है वे सफ़ाई कर्मचारी इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. कई कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. उससे पहले भी उन्हें सिर्फ़ आधा ही वेतन मिल रहा था.
तीन महीनों से ठेकेदार ने नहीं दिया है वेतन
बिलासपुर रेल्वे स्टेशन में CTS का ठेका KCH नाम की एक कंपनी ने लिया हुआ है. स्टेशन की सफ़ाई और वॉटरिंग का ज़िम्मा इसी कम्पनी को दिया गया है. कम्पनी द्वारा नियुक्त मैनेजर ने बताया कि उनके अंडर में 116 सफ़ाईकर्मी काम करते हैं.
ठेकेदार के अंडर काम करने वाले कुछ सफ़ाईकर्मियों ने मीडिया को बताया कि लगभग सभी सफ़ाईकर्मियों को पिछले तीन महीनों से न वेतन मिला है न ही PF और ESIC का पैसा जमा हुआ है.
477 की जगह 235 की दर से मिलता है वेतन
कुछ सफ़ाई कर्मचारियों ने हमें बताया कि तीन महीना पहले जब उन्हें वेतन मिल रहा था तब भी ठेकेदार उन्हें सिर्फ़ आधा ही वेतन देता था. नियम अनुसार 477 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से सफ़ाई कर्मचारियों को वेतन दिया जाना चाहिए लेकिन वर्तमान ठेकेदार केवल 230 से लेकर 240 रुपए प्रतिदिन की दर से भुगतान कर रहा है. यानि मजदूरों से काम पूरा लिया जाता है और वेतन आधा दिया जाता है.
आधा वेतन मिलने की इस घपलेबाजी को रेल्वे सफ़ाई कर्मचारियों ने मजबूरी में स्वीकार कर लिया है वे कहते हैं कि आधा ही सही पर पैसा मिल तो जाए, तीन महीने से तो वो भी नहीं मिला है.
वेतन मांगने पर मिलती है धमकी
कुछ सफ़ाई कर्मचारियों ने कहा कि वे चाहते हैं कि पूरा और समय पर वेतन मिले लेकिन अपने हक की आवाज़ उठाने से डरते हैं क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें नौकरी से निकाल देने और मारपीट की धमकी मिलती है. वे कहते हैं कि हम ग़रीब लोग हैं इन बड़े लोगों से कैसे लड़ पाएंगे. उन्होंने बताया कि कुछ को तो ठेकेदार ने काम से निकाल दिया है और कुछ लोगों ने तंग आकर ख़ुद ही काम छोड़ दिया है.
अधिकारी को नहीं मालूम वेतन की दर
ठेकेदार के काम पर निगरानी रखने याने सुपरविजन की ज़िम्मेदारी रेल्वे के जिन अधिकारी के पास है उन्होंने फ़ोन पर बात करने के दौरान कहा कि “सफ़ाई कर्मचारियों को प्रतिदिन कितना वेतन मिलना चाहिए इसकी मुझे जानकरी नहीं है रजिस्टर देखना पड़ेगा”
ठेकेदार ने कहा एडवान्स में देते हैं आधा वेतन
आधा वेतन दिए जाने के सवाल पर ठेकेदार ने कहा कि पूरा वेतन मिलने पर लड़के भाग न जाएं इसलिए हम उन्हें एडवान्स के तौर पर आधा वेतन देते हैं और काम करता रहता है तो बचा हुआ पैसा भी दे देते हैं.
ठेकेदार की इस एडवान्स वाली थ्योरी के हिसाब से सफ़ाई कर्मचारियों को महीने में दो बार वेतन मिलता होगा! आधा वेतन एडवान्स में और महीने के आखिर में बचा हुआ आधा वेतन फिर से. लेकिन सफ़ाई कर्मचारियों ने हमें बताया कि उन्हें कभी कोई एडवान्स नहीं मिला. महीने में एक ही बार वेतन मिलता है वो भी आधा.
जानकार बताते हैं कि इसी तरह की घपलेबाजियों से रेल्वे ठेकेदार दोनम्बरी कमाई करते हैं जिसमें कइयों का हिस्सा बंधा होता है. मजदूर का पसीना अधिकारियों से लेकर ठेकेदार तक की जेबें गर्म करता है.
सफ़ाई कर्मचारियों के हित में और संबंधित ठेकेदार के ख़िलाफ़ रेल्वे के आला अधिकारियों ने अब तक तो कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया है.