ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए लोगों को अब वापस मिलेंगे पैसे

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  • ठगी के 2 करोड रूपए बैंको होल्ड कराए गए हैं
  • 2112 संदिग्ध बैंक अकाउंट चिन्हांकित
  • 1400 फर्जी सिम कार्ड कराए गए ब्लॉक
  • “ऑपरेशन प्रहार” के तहत राशि वापस दिलाने किया जा रहा प्रयास

बिलासपुर। ऑनलाइन ठगी का शिकार होने वाले बिलासपुर ज़िले के लोगों को उनकी रकम वापस दिलाने पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर ठगी के 2 करोड रूपए बैंको में होल्ड कराए गए। 2112 संदिग्ध बैंक खतों चिन्हांकित किया गया है। 1400 सिम कार्ड ब्लॉक कराए गए हैं। वर्ष 2023-24 में ठगी का शिकार हुए लोगों को मिलेगी रहत। रकम वापस पाने कोर्ट में लगाना होगा आवेदन।

बिलासपुर पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह ने आर्थिक सायबर अपराधों के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए एसीसीयू विलासपुर को ऐसे सभी प्रकरणों की सूची बनाकर उनसे सम्बंधित सभी बैंक खतों को फ्रीज कराने और पीड़ितों को उनकी राशि वापस सिलने निर्देशित किया गया था। इस पूरे अभियान को ऑपरेशन प्रहार का नाम दिया गया।

ऑन लाईन सायबर फ्रॉड के प्रकरणो में बिलासपुर पुलिस द्वारा सायबर पोर्टल के माध्यम से दर्ज प्रकरणों की जांच थाना एवं सायबर सेल द्वारा की जा रही है। वर्ष 2023 में आर्थिक सायबर अपराधों के कुल 1885 प्रकरण दर्ज किये गए थे जिनमें से 815 प्रकरणो में कुल 1087 संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कराया गया। 2023 में दर्ज मामलों में 1 करोड़ 14 लाख रुपए बैंकों में होल्ड करवाए गए हैं। इसी प्रकार वर्ष 2024 में आर्थिक सायबर अपराधों के कुल 843 प्रकरण दर्ज किये गए जिनमें से 216 प्रकरणो में कुल 1025 संदिग्ध बैंक खातों पर कार्रवाई की गई। 2024 में दर्ज मामलों में 77 लाख रूपए बैंको में होल्ड करवाए गए हैं।  कराये गये है। विगत दो वर्षों में करीब 1.92 करोड रु की धोखाधड़ी राशि अलग-अलग बैंको के अकाउंट में होल्ड कराई गई है।

पैसे वापस पाने क्या करना होगा

बिलाससपुर ज़िले में साल 2023 और 2024 में दर्ज हुए ऑनलाइन ठगी के मामलों की सूची बनाई गई है। इस सूची में शामिल पीड़ितों को अपने द्वारा करवाई गई एफआईआर यार शिकायत की प्रति के साथ कोर्ट में रकम वापसी की अर्ज़ी लगानी होगी। कोर्ट इन अर्ज़ियों को वेरिफाई करने और इससे सम्बंधित जानकारी उपलब्ध करवाने पुलिस विभाग के पास भेजेगा। पुलिस द्वारा सम्बंधित प्रार्थी की शिकायत की विस्तृत जानकारी कोर्ट को उपलब्ध करवाई जाएगी। फिर कोर्ट सम्बंधित बैंक को रकम वापस करने निर्देशित करेगा। इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन महीनेभर का समय लगने का अनुमान है।

एसपी आए लाईव

रूवार शाम 7 बजे बिलासपुर पुलिस के आधिकारिक पेज से लाईव आकर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने सायबर अपराधों से बचने लोगों को सावधान किया। उन्होंने कहा कि कोई अनजान व्यक्ति पुलिस अधिकारी बनकर, सीबीआई अथवा ईडी का अधिकारी बनकर फोन करे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।

ऑनलाइन फ्रॉड के नए तरीके

ईमेल से फ्रॉड

सायबर एक्सपर्ट ने बताया कि बड़ी प्रतिष्ठित कंपनियां अपने प्रचार का ज़्यादातर काम ईमेल के ज़रिए करती हैं। ऑनलाइन ठग प्रतिष्ठित कंपनियों जिसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट आदि के प्रचार ईमेल की तरह दिखने वाला ही हूबहू ईमेल आईडी बना लेते हैं और उसमें कंपनी का लोगो लगा लेते हैं। पहली नज़र में लोगों को लगता है कि कि ये ईमेल कंपनी ने ही भेजा है। उस फेक ईमेल में 90 प्रतिशत छूट और भारी कैशबैक का ऑफर रहता है। जैसे ही आप उस ईमेल की लिंक से कोई सामन खरीदने की प्रक्रिया में आगे बढ़ते हैं वैसे ही आपके कम्प्यूटर या मोबाईल की स्क्रीन हैकर को दिखने लग जाती है जिसे वह रिकॉर्ड कर लेता है। इस तरह आपके द्वारा अपनी स्क्रीन पर लिखा जा रहा अकाउंट नंबर और पासवर्ड हैकर के पास चला जाता है।

फोन में बात करते हुए ठगी

सायबर एक्सपर्ट ने हमें बताया कि आजकल कुछ मिनटों की फेक कॉल में भी ठग अपना काम कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि बड़ी कंपनियों से डाटा चुराकर ये ठग ऑनलाइन सामन मंगवाने वालों के फोन नंबर निकाल लेते हैं और कुरियर कोय बनकर फोक करते हैं। चूंकि आपने सच में ऑनलाइन आर्डर किया होता है इसलिए आप भी इनसे बात करने लग जाते हैं। नकली कुरियर बॉय आपसे कहता हैं कि आपका पार्सल आ तो गया है लेकिन अप्रूवल की समस्या होने के कारण वो आपको डिलीवरी नहीं दे सकता। फिर वो कहता है कि आप कॉल पर बने रहिए आपको एक लिंक भेजा जा रहा इसे खोलकर आप केवल अप्रूव या एग्र्री कर दीजिए। लोगों को भी अपना सामन पाने की जल्दी होती है इसलिए वे लिंक के अप्रूव या एग्री बटन को दबा देते हैं। दरअसल ये एक तरह का प्रोगरामिंग लिंक होता है जिसे अप्रूव करते ही आपके फोन का पूरा एक्सेस हैकर के पास चला जाता है।

दूसरे शहर में पढ़ने वाले बच्चों के परिवार बन रहे निशाना

सायबर ठगों ने ठगी का एक और तरीका निकाला है। बढे कोडिंग संस्थानों से सांठगांठ कर ये लोग शहर से बाहर रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के परिजनों का मोबाईल नंबर पता कर लेते हैं। और फिर नकली पुलिस अधिकारी बनकर घरवालों को फोन पर डराते हैं कि तुम्हारे लड़का अमुक अपराध करते हुए पकड़ा गया है या तुम्हारी लड़की अमुक जगह पर संदिग्ध हालत में पकड़ी गई है अगर इन्हें बचाना चाहते हो तो पैसे भेज दो। बच्चों के भविष्य के दर में लोग पैसे भेज देते हैं।

व्हाट्सप्प हैंग हो जान

कुछ ऐसे मैसेज और लिंक भी आजकल आने लगे हैं जिन्हें क्लिक करते ही व्हाट्सप्प हैंग होकर काम करना बंद कर देता है। इस फ्रॉड के शिकार लोगों का व्हाट्सप्प उनके फोन पर तो बंद हो जाता है लेकिन हैकर के फोन पर चालू हो जाता है। इससे वो आपके परिचितों को मैसेज कर रुपयों की मांग करने लगते हैं।

कुछ सावधानियां

  • अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाईल पर सेव नहीं है उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी बैंकिग जानकारी ओटीपी आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करे
  • अनजान वेबसाईट एवं अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचें
  • कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झासा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें
  • सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से अश्लील लाईव चैट करने से बचें
  • परीक्षा में अधिक अंको से पास करा देने की झांसा देने वाले व्यक्तियो खासकर +92 नम्बरो से आने वाले वॉट्सअप कॉल से बचने का प्रयास करें
  • हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

संचार टुडे
Author: संचार टुडे

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