बिलासपुर में 6 महीने में आम्स एक्ट और चकुबाज़ी के 150 आरोपियों पर कार्रवाई, 121 मामले
6 महीने में चाक़ूबाज़ी और तलवार लहराने की 121 से ज़्यादा घटनाएं, 150 से गिरफ़्तार
बिलासपुर। पिछले 6 महीनों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो इस बीच ज़िले में चाक़ूबाज़ी और तलवार लहराने आर्म्स एक्ट के 121 से भी ज़्यादा मामले पुलिस ने दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में लगभग 150 लोगों की गिरफ़्तारी भी की गई है। इसमें चाकू और तलवार से हमला कर घायल करने और हथियार दिखाकर डराने धमकाने, हथियार रखने अशांति फैलाने के मामले भी शामिल हैं।
नहीं दिख रहा अभियानों का असर
पिछले कुछ समय से ये चलन है कि ज़िले में आने वाले आला अधिकारी पुलिसिंग के बाकी कामों के साथ एक विशेष अभियान भी चलाते हैं। अच्छी सकारात्मक सोच के साथ चलाए जा रहे इन अभियानों का उद्देश्य अपराध पर नियंत्रण पाना और लोगों को जागरूक करना ही होता है। समय समय पर पुलिस विभाग की तरफ से ये बात भी कही जाती है कि इन अभियानों के असर से अपराधों में, खासकर चाक़ूबाज़ी की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन ज़मीनी अनुभव इतने संतोषजनक नज़र नहीं आ रहे हैं।
घटनाओं में कमी आने के तमाम दावों के बावजूद साल 2024 में जनवरी माह से अब तक यानी लगभग 6 महीनों में चाक़ूबाज़ी, तलवार लहराने, हथियार दिखाकर अशांति फ़ैलाने जैसी दर्जनों घटनाएं सामने आई हैं। इन मामलों में से आधे ऐसे हैं जिनमें हमलावरों ने किसी न किसी को घायल भी किया है। ज़िला पुलिस के इस आंकड़े की मानें तो हर दूसरे दिन ज़िले में कहीं न कहीं आर्म्स एक्ट की कार्रवाई की जा रही है। हालाँकि पुलिस ने लगभग सभी मामलों में कार्रवाई करते हुए 150 से ज़्यादा लोगों की गिरफ़्तारी की है लेकिन फिर भी अपराधियों के हौसले कम होते नज़र नहीं आ रहे हैं।
अभी अभी बालिग हुए और नाबालिग लड़कों में चाकू का ट्रेंड बढ़ा है। अलग अलग तरह के स्टाइलिश डिज़ाइनर चाकू मार्केट में उपलब्ध हैं। ऑनलाइन वेबसाइट्स में सस्ती कीमतों पर ये चाकू आसानी से मिल जाते हैं। शुरुआत में शोऑफ़ करने, यारी दोस्ती में धाक जमाने के लिए लड़के ये चाकू रखते हैं। फिर नशे की हालत में होने वाले विवादों में यही चाकू गंभीर घटनाओं का वेपन बनते हैं।
बहुत से मामलों में नहीं जुड़ पाटा आर्म्स एक्ट
पुलिस ने बताया कि नियम के अनुसार घटना में जिस चाकू का इस्तेमाल किया गया है यदि उसके ब्लेड की लम्बाई 6 इंच या उससे ज़्यादा है तो ऐसी घटना में आर्म्स एक्ट की धारा लगाई जा सकती है। यदि घटना में बटनदार चाकू का इस्तेमाल किया गया है तो उसमें लम्बाई मापने की ज़रुरत नहीं पड़ती छोटे बटनदार चाकू पर भी आर्म्स एक्ट की कार्रवाई की जा सकती है।
चाकू से हमला करने की बहुत सी ऐसी घटनाएं भी होती हैं जिसमें आर्म्स एक्ट की धारा नहीं जुड़ पाती क्योंकि इस धारा को जोड़ने के लिए घटना में इस्तेमाल हुए हथियार का बरामद होना ज़रूरी है। यदि हथियार बरामद नहीं हुआ तो पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती।